प्रदूषण से जीव भी परेशान! हाइबरनेशन में जाने की जगह खुले में देखे जा रहे सांप

“समशीतोष्ण अथवा शीत प्रधान देशों में रहनेवाले जीवों की निष्क्रियता तथा अवसन्न अवस्था को शीतनिष्क्रियता अथवा हाइबरनेशन कहते हैं। यानी, जाड़े में जीव गर्म स्थान में छुप कर शीत ऋतु बिताते हैं। सामान्य शब्दों में इसे शीत निद्रा में जाना भी कहते हैं।’
गुरुग्राम। पूरे एनसीआर इलाके और उत्तर भारत में प्रदूषण से लोगों का जीवन नारकीय बना हुआ है। वहीं, जीव भी अपनी सामान्य जीवन चक्र को निभा पाने में असमर्थ दिख रहे हैं। दीपावली से पहले ही सर्दी के आहट के साथ ही शीत निष्क्रियता में जाने वाले जीव अचानक घरों में, गलियों, बाग-बगीचों में देखे जा रहे हैं।
गुरुग्राम के खासकर सांपों के जानकार अनिल गंडास बताते हैं कि यह आश्चर्यजनक है कि जो सांप दिवाली के समय तक हाइबरनेशन में चले गए ते वे अब दोबारा सार्वजनिक स्थानों पर देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, संभव है प्रदूषण और तापमान में बदलाव के कारण ऐसा हो। निश्चित तौर पर जीव विज्ञानियों को इस पर अध्ययन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, सर्दी के मौसम आते ही सांप गर्म स्थानों में छुप जाते हैं। परंतु, आसपास के कई गांवों में लगातार सांप को देखा जा रहा है। उन्होंने अपने अनुभाव के आधार पर बताया कि बारिश खत्म होते ही सारे सांप छुप गये थे और अब दिवाली के बाद सर्दी में निकल रहे हैं। संभव है प्रदूषण का असर उन पर हो अन्यथा अब तक उन्हें हाईबरनेशन में चले जाना था।