बीजेपी राज में सभी दुखी- सब परेशान, बदलाव ही एकमात्र निदान : कुलदीप जांघू

श्रमिक नेता कुलदीप जांघू गौसेवा को लेकर हमेशा तत्पर रहते हैं।
” ट्रेड यूनियन कॉउंसिल-जनपंचयती निर्दलीय उम्मीदवार ने कहा, सामाजिक सरोकार और जन सामान्य की मुसीबतों से बीजेपी को कोई लेना-देना नहीं। पैसे व प्रचार के बल पर राजनीति करना ही बीजेपी का ट्रेंड ”
Gurugram Gazette Bureau.
गुरुग्राम। औद्योगिक नगरी में श्रमिक-मजदूरों, शोषित व आम आदमी के पक्ष में खड़े होकर शासन व सामंती व्यवस्था से टकराने वाले गुरुग्राम विधायनसभा से चुनाव लड़ रहे ट्रेड यूनियन कॉउंसिल के जनपंचायती उम्मीदवार कुलदीप जांघू ने कहा कि बीजेपी के शासन में समाज का कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो इस सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों से दुखी न हो। सरकारी के नीतियों व कार्यक्रमों का ऐसा असर चारो तरफ छाया है जिससे कि आज सामान्य आदमी का जीवन मुश्किल से भर गया है। कुलदीप जांघू विधानसभा चुनाव में मुद्दे व नीति-कार्य योजनाओं को लेकर गुरुग्राम गज़ट से बातचीत कर रहे थे।
जन पंचायती व श्रमिक-मजदूरों के नेता कुलदीप जांघू ने विस चुनाव में उम्मीदवार के रूप में अपनी प्रसांगिकता व भावी नीति-योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस को सत्ता से हटाकर पांच साल से सरकार चलाने वाली बीजेपी की नीतियों-योजनाओं व शासन-प्रशासन में कोई जमीनी बदलाव दिखाई नहीं दिया। वही अधिकारी, वहीं नीतियां जो कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हावी थी, हर चीज पर जबरन नियंत्रण रखते थे, मनोहर लाल खट्टर सरकार में भी वही चेहरा हावी रहा। बीते पांच सालों में काम कम, ढोल ज्यादा पिटा गया। सामान्य जन को कोई राहत नहीं मिला। बल्कि, पहले के मुकाबले उनका जीवन और कठिन हो गया।
कुलदीप जांघू ने कहा, औद्योगिक नगरी होने के बावजूद पिछली सरकारों ने कृत्रिम तौर पर एक खास वर्ग के लिए शहर को विकसित करने की नीति पर काम किया। यहां पैसों के बल पर सब कुछ निजी हाथों में सौंपा गया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का नामों निशान मिटा दिया गया। निम्न व मध्यम वर्ग के लाखों लोगों के रहने के लिए एक सेक्टर तक नहीं बनाए गए। हम इस व्यवस्था को बदलकर मजदूरों-श्रमिकों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के हित में बनाने को लेकर काम करेंगे ताकि उनका जीवन आसान हो सके। गुरुग्राम शहर में 10 लाख से अधिक रह रहे मजदूरों-श्रमिकों व छोटे-मोटे व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करने वालों की आवाज़ बन सकूं, उनकी सुविधाओं-सहुलियतों के लिए संवैधानिक दायरे में सरकार जैसी व्यवस्था से अपना हिस्सा प्राप्त कर सकूं, यही हमारा प्रयास होगा। सर्व समाज व सर्व वर्ग के हित के बिना भला बेहतर शहर व समाज का निर्माण कैसे हो सकता है।
टिकट को लेकर भाजपा में मची रार के सवाल पर कुलदीप जांघू ने कहा कि बीजेपी के नेता प्रचार व पैसों की ताकत पर ही भरोसा करते हैं। चुनाव के मद्देनज़र पिछले कुछ माह से जिस प्रकार से सड़क पर बीजेपी नेताओं में पोस्टर व विज्ञापनों का युद्ध दिखाई दिया, उससे आम लोगों में यही संदेश गया कि समाजसेवा की इच्छा से नहीं बल्कि सत्ता प्राप्ति के बाद अकूत धन-संपदा अर्जित के उद्देश्य से वे टिकट हासिल करना चाहते हैं। आज यह भी सवाल खड़ा हुआ है कि जब आम लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करना तक दुश्वार हो गया है, वैसी स्थिति में करोड़ों रुपए खर्च करने वाले पैसा कहां से लाते हैं? जनता की नज़र इन सब पर है और अब बरगलाने, भटकाने की नीति काम नहीं करेगी।